उत्पादन लागत किसे कहते हैं? (production cost in hindi)
किसी भी वस्तु के उत्पादन के दौरान उस पर उस पर खर्च की गयी कुल राशी को ही लागत कहा जाता है। इसमें कई मूल्य होते हैं जैसे कच्चे माल पर खर्च, मशीन को चलाने का खर्च, कर्मचारियों की तनख्वाह आदि। इन सभी खर्चों को मिलाकर जो राशी होती है उसे उत्पादन लागत कहा जाता है।
उत्पादन लागत के प्रकार (theory of production and cost in hindi)
लागत कई प्रकार की होती है। इसके मुख्य भेद निम्न हैं :
1. प्रत्यक्ष लागत (direct costs) :
ऐसी लागतें जोकि किसी विशेष प्रक्रिया या उत्पाद से संबंधित होती है। उन्हें ट्रेस करने योग्य लागत भी कहा जाता है क्योंकि हम पता लगा सकते हैं की वे किस विशेष गतिविधि की वजह से हुई हैं। वे गतिविधि या उत्पाद में परिवर्तन के साथ भिन्न हो सकते हैं।
प्रत्यक्ष लागत के उदाहरण :
प्रत्यक्ष लागत के अंतर्गत उत्पादन से संबंधित विनिर्माण लागत, बिक्री से संबंधित ग्राहक अधिग्रहण लागत आदि शामिल हैं।
2. अप्रत्यक्ष लागत(indirect cost) :
अप्रत्यक्ष लागत प्रत्यक्ष लागत के विपरीत होती हैं। इस लागत का हम पता नहीं लगा सकते हैं की यह किस विशेष गतिविधि या उत्पाद से संबंधित है। इन्हें हम तरके न करने योग्य लागत भी कह सकते हैं।
अप्रत्यक्ष लागत के उदाहरण :
उदाहरण के लिए जैसे यदि आय बढ़ जाती है तो हमें ज्यादा कर देना पड़ता है। इसका हम यह पता नहीं लगा सकते हैं की यह किन कारणों से हुआ है।
जैसा की हम नाम से ही जान सकते हैं ये लागत समाज से सम्बंधित होती हैं। ये लागत एक बिज़नस के विभिन्न कामों से होने वाले नुक्सान की भरपाई का मूल्य होती हैं। या फिर यदि कोई बिज़नस कोई सामजिक कार्य करता है तो यह भी उसी में आता है।
सामजिक लागत के उदाहरण :
इनमें सामाजिक संसाधन शामिल हैं जिनके लिए फर्म कोई खर्चा नहीं देता है लेकिन इनका प्रयोग करता है, जैसे वातावरण, जल संसाधन और पर्यावरण प्रदूषण आदि।
4. अवसर लागत (opportunity cost) :
अवसर लागत को वैकल्पिक आय भी कहा जाता है। मान लेते हैं हमारे पास एक मशीन है जिसके दो प्रयोग हैं। यदि हम इसका एक तरह से प्रयोग करते हैं तो दूसरी तरह प्रयोग करके होने वाले लाभ को गँवा देते हैं। दूसरी तरह का प्रयोग करके गँवाए लाभ को ही अवसर लागत कहा जाता है।
5. निश्चित लागत या स्थिर लागत(fixed cost):
निश्चित लागत वह लागत होती है जो उत्पादन के पैमाने के साथ नहीं बदलती हैं। ये लागत स्थिर साधनों जैसे स्थायी कर्मचारी, मकान आदि पर लगती हैं। किराया, मूल्यह्रास, स्थायी कर्मचारियों के वेतन और निधियों पर ब्याज जैसी लागतें निश्चित लागत के सभी उदाहरण हैं।
6. परिवर्तनीय लागत (variable cost) :
निश्चित लागत के विपरीत परिवर्तनीय लागत वे लागत होती हैं जोकि उत्पादन के पैमाने के साथ बढती एवं घटती हैं। बिजली, पानी का बिल, कच्चे माल का उपयोग, इन्वेंट्री और परिवहन लागत जैसी लागतें परिवर्तनीय लागत के उदाहरण हैं। हम देख सकते हैं कच्चा माल, बिजली का उपयोग आदि ऐसे संसाधन हैं जिनको बढाने से उत्पादन बढ़ता है। इनके बढ़ने से परिवर्तनीय लागा भी बढती है।
7. कुल स्थिर लागत (total fixed cost)
अल्पकाल में एक फर्म द्वारा उत्पदान के लिए अपने स्थिर संसाधनों पर किया गया कुल व्यय ही कुल स्थिर लागत कहलाता है। यह बढ़ते उत्पादन के साथ नहीं बदलता है एवं स्थिर रहता है। अतः इसके वक्र में यह सीढ़ी रेखा होता है। इसे TFC भी कहा जाता है।
8. कुल परिवर्तनीय लागत
अल्पकाल में एक फर्म द्वारा उत्पादन प्रक्रिया में अपने परिवर्तनीय संसाधनों पर किये गए कुल व्यय को कुल परिवर्तनीय लागत कहा जाता है। बढ़ते उत्पादन के साथ यह बढती है। अतः जब शून्य उत्पादन होता है तो परिवर्तनीय लागत भी शुन्य होती है। जैसे जैसे उत्पादन बढ़ता है यह बढती है।
9. कुल लागत :
अल्पकाल में फर्म द्वारा वहां किये गए कुल स्थिर लागत एवं कुल परिवर्तनीय लागत का योग कुल लागत कहलाता है। कुल लागत के अंतर्गत कुल स्थिर लागत एवं कुल परिवर्तनीय लागत आती हैं।
कुल लागत का सूत्र :
कुल लागत = कुल स्थिर लागत + कुल परिवर्तनीय लागत
10. औसत स्थिर लागत (average fixed cost)
औसत स्थिर लागत या AFC का मतलब होता है उत्पादन की गयी हर एक इकाई पर स्थिर लागत। इसका मतलब होता है की यदि हम एक हजार इकाइयों का उत्पादन करते हैं एवं हमारा कुल स्थिर लागत 1000 होती हैं तो फिर औसत स्थिर लागत 1 रूपए होगी।
11. सीमान्त लागत (Marginal Cost)
सीमान्त लागत या Marginal Cost(MC) कुल लागत में आया वह बदलाव होता है जोकि एक और इकाई के उत्पादन की वजह से होता है। जैसे जैसे उत्पादन बढ़ता है वैसे वैसे सीमान्त लागत बढती है।
सीमान्त लागत का सूत्र :
MC = TCn – TCn-1
या
MC = TVCn – TVCn-1
12. कुल औसत लागत (Average Total Cost)
कुल औसत लागत या Average Total Cost(ATC) का मतलब होता है की हर उत्पादन की गयी हर इकाई पर कुल कितना खर्चा हुआ है। इसमें कुल स्थिर एवं कुल परिवर्तनीय लागत शामिल होती हैं।
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